दृष्टिबाधितों के सीखने सिखाने की समस्याओं को कम्प्यूटर की नवीनतम सहायक तकनालाजी के जरिए बहुत हद तक सुलझाने की कोशिशें की जा रही हैं, और हर्ष की बात है कि इनमें से बहुत सी तकनालाजी अब हिन्दी में भी उपलब्ध हैं।
कम्प्यूटर पर काम करने में दृष्टिबाधितों के लिए संभवतः सबसे अहम सहायक और प्राथमिक तकनालाजी है – टेक्सट-टू-स्पीच यानि ‘पाठ से वार्ता’ अनुप्रयोग। कम्प्यूटर के हर प्लेटफ़ॉर्म यानी विंडोज से लेकर ओपन सोर्स लिनक्स तक हिन्दी में पाठ से वार्ता तथा हिन्दी स्क्रीन रीडर अनुप्रयोग अब उपलब्ध हैं। कुछ अनुप्रयोग व्यवसायिक उत्पाद हैं तो कुछ मुफ़्त और ओपन सोर्स यानि मुक्त स्रोत। इन अनुप्रयोगों के जरिए दृष्टिबाधित भी न सिर्फ इंटरनेट व कम्प्यूटरों पर उपलब्ध हिन्दी संसाधनों का प्रयोग अपना ज्ञान बढ़ाने के उद्देश्य से बखूबी कर सकते हैं बल्कि इनके जरिए रिकॉर्ड की गई वार्ता को सीडी या यूएसबी ड्राइव के जरिए सुरक्षित कर मोबाइल प्लेयरों के जरिए सुना-सुनाया जा सकता है।
दृष्टिहीनों को अनोखी नेमत दी ब्रेल ने
4 जनवरी 1809 को जन्में लूई ब्रेल केवल चार साल की आयु में अपनी एक आंख गंवा बैठे थे, खेलते समय एक सींख उनकी आंख में घुस गयी। बाद में संक्रमण के कारण उनकी दूसरी आंख भी जाती रही, 10 साल की उम्र में उनकी दृष्टि पूरी तरह ख़त्म हो गयी थी। ब्रेल को पेरिस की एक पाठशाला में टोकरी व चटाई बुनना सीखने के लिये भेज दिया गया। 1821 में एक फ्रांसिसी कप्तान से उन्होंने सैनिकों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले उभरे बिंदुओं वाले एक कोड के बारे में सुना जिस पर उँगलियाँ फिराने पर अंधेरे में भी पढ़ना मुमकिन था। नेपोलियन के निर्देश पर यह पद्धति चार्ल्स बारबियर ने बनाई थी। इसी वर्णन के आधार पर ब्रेल ने नेत्रहीनों के लिखने-पढ़ने हेतु एक वर्णमाला का निर्माण कर लिया। ऐसी लिपि जिसे छू कर पढ़ा जा सकता था।
ब्रेल लिपि में 6 उभरे हुए बिंदुओं के संयोजन से किसी भी भाषा के अलग-अलग अक्षर और अंक बनाए जा सकते हैं। ब्रेल ने इस लिपि का संगीत के लिए भी उपयोग किया और टंकण हेतु एक ख़ास टाईपराइटर भी बनाया।
दुर्भाग्यवश, ब्रेल के जीते जी उनके इस महत्वपूर्ण कार्य को खास महत्व नहीं मिला। 1852 में 43 साल की आयु में उनकी तपेदिक से मृत्यु हो गई। उनकी मौत के 100 साल बाद फ़्रांस ने ब्रेल के योगदान को पहली दफा स्वीकार करते हुये उनकी अस्थियों को पैरिस में दफ़ना कर वहाँ उनकी समाधी का निर्माण किया।
वर्ड का वाचक प्लगइन
प्रोलॉजिक का वाचक नाम का हिन्दी पाठ से वार्ता अनुप्रयोग का उन्नत संस्करण वैसे तो व्यवसायिक उत्पाद के रूप में भी जारी किया गया है, मगर इसका माईक्रोसॉफ्ट वर्ड का वाचक प्लगइन यहां से मुफ़्त प्रयोग हेतु डाउनलोड किया जा सकता है। 45 मेबा डाउनलोड का यह अनुप्रयोग आपके कम्प्यूटर पर संस्थापित माईक्रोसॉफ्ट वर्ड के साथ बढ़िया काम करता है।
IIIT हैदराबाद का अनुप्रयोग: क्लिपबोर्ड से सुनें
इस प्लगइन के द्वारा हिन्दी के कोई 40 फ़ॉन्टों में लिखी सामग्री जिसमें शामिल हैं – कृतिदेव से लेकर यूनिकोड मंगल तक – को हिन्दी में सुना जा सकता है। इसमें वाचन की गति को कम ज्यादा करने की भी सुविधा है। वाचक (प्लगइन में) की आवाज थोड़ी सी मशीनी लगती है, मगर समझ में भली प्रकार आती है।
इसी तरह, IIIT हैदराबाद द्वारा जारी एक डेमो पाठ से वार्ता अनुप्रयोग (16 मेबा डाउनलोड) भी इसी स्थान से मुफ़्त प्रयोग हेतु डाउनलोड किया जा सकता है। इस अनुप्रयोग के जरिए क्लिपबोर्ड की हिन्दी यूनिकोड सामग्री को सुना जा सकता है। इस अनुप्रयोग के वाचक की आवाज प्राकृतिक आवाज के बहुत करीब है।
शक्ति: तीव्र और असरदार
एक अन्य हिन्दी पाठ से वार्ता अनुप्रयोग तथा स्क्रीन रीडर – शक्ति है जिसे ब्लिस द्वारा जारी किया गया है। यह उत्पाद व्यवसायिक है। इस उत्पाद की विशेषता है कि यह नई तकनीक रेक-सिम-केट प्रयोग करता है जिससे यह चलने में तीव्र है और कम संसाधन का प्रयोग करता है। इसकी आवाज भी प्राकृतिक होती है।
फ़ेस्टिवल: हिन्दी व मराठी की क्षमता
फ़ेस्टिवल नाम के मुक्त स्रोत टेक्सट-टू-स्पीच इंजिन में कुछ समय पहले हिन्दी व मराठी भाषा की क्षमता को शामिल कर दिया गया है। यह मुफ़्त प्रयोग के लिए डाउनलोड हेतु उपलब्ध है। हिन्दी/मराठी फ़ेस्टिवल के डाउनलोड व प्रयोग के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस कड़ी पर जाएँ। फ़ेस्टिवल भी रिकार्ड की हुई ध्वनि के बजाए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग करता है।
वॉजमी: ऑनलाइन पाठ से वार्ता सुविधा
हाल ही में इंटरनेट पर भी हिन्दी पाठ से वार्ता सुविधा प्रारंभ किया गया है। यानी अब आप उन इंटरनेट कम्प्यूटरों पर भी पाठ से वार्ता सुविधा का लाभ ले सकते हैं जिनमें यह अनुप्रयोग पहले से संस्थापित नहीं है। वॉजमी नाम के इस इंटरनेट अनुप्रयोग का प्रयोग अत्यंत आसान है। आपको इसके इनपुट विंडो में यूनिकोड हिन्दी में पाठ भरना है, और स्वर बटन को क्लिक करना है। थोड़ी देर में हिन्दी पाठ एमपी3 के रूप में परिवर्तित हो जाएगा जिसे चाहें तो आप ऑनलाइन प्लेयर के जरिए वहीं सुन सकते हैं या फिर चाहें तो डाउनलोड कर सकते हैं। हिन्दी पाठों को एमपी3 के रूप में परिवर्तित कर सहेजने के लिए यह अति सुन्दर और व्यवहारिक विकल्प है।
इसका ब्राउज़र प्लगइन भी है जिसे संस्थापित करने पर हिन्दी पाठ से वार्ता सुविधा सुविधाजनक रूप से ब्राउज़र पर ही उपलब्ध हो जाती है।
वाचांतर: सीडॅक और आईबीएम द्वारा जारी
हिन्दी में माइक्रोफोन पर बोलकर टाइप करने की सुविधा भी अब उपलब्ध है और उसकी शुद्धता अस्सी प्रतिशत से भी अधिक प्राप्त की जा सकती है। वाचांतर नाम का यह सॉफ़्टवेयर सीडॅक और आईबीएम द्वारा जारी किया गया है, व इसकी कीमत 5900 रुपए है। वाचांतर हिन्दी वार्ता से पाठ अनुप्रयोग की एक संक्षिप्त समीक्षा व अन्य विवरण के लिए यहाँ देखें।
बहुत उपयोगी होगा टीटीएस। यह लेख उससे भी अधिक उपयोगी और हिन्दी के लिये उत्साहवर्धक है। इसको मैने हिन्दी विकि के ‘वाक् संश्लेषण’ नामक लेख में बाहरी कड़ियों में लिंकित कर दिया है।
विभिन्न टीटीएस अनुप्रयोगों के बारे में बेहतरीन जानकारी देने के लिए धन्यवाद।